पामिस्ट्री

 

अगर आप

पामिस्ट्री एक विपामिस्ट्री (Palmistry) के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो मैं आपको इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बता सकता हूँ।ज्ञान या ज्योतिष विद्या है जिसमें आदमी के हाथ में मौजूद रेखाओं को पढ़कर उसके भाग्य, स्वास्थ्य, प्रेम जीवन और व्यक्तित्व की पूर्वानुमान की जाती है। इस विज्ञान के अनुसार, हथेली पर मौजूद रेखाएं पामिस्ट्रीकर्ता को व्यक्ति के भविष्य में होने वाली घटनाओं और स्वभाव के बारे में संकेत देती हैं।

यह एक प्राचीन विज्ञान है और कई सालों से लोग अपने हाथों की रेखाओं से भविष्य के बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं। पामिस्ट्री में कई प्रकार के रेखाएं महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, जैसे जीवनरेखा, मन रेखा, दिल रेखा, सिकुड़न रेखा, भाग्य रेखा, धन रेखा, संतान रेखा आदि। हर एक रेखा का अपना महत्व होता है और इनसे जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में भी बताया जा सकता है।

ये रेखाएं व्यक्ति के जीवन, व्यवसाय, सम्बंध, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। इसके लिए एक योग्य पामिस्ट्रीकर्ता को अच्छा ज्ञान होना चाहिए जो इन रेखाओं को सही ढंग से पढ़कर उनके बारे में उचित अनुमान लगा सके।

हाथ की रेखाओं के आधार पर भविष्य की जानकारी देना केवल एक पामिस्ट्रीकर्ता ही कर सकता है और इसे एक शौकिया रूप में लिया जाना चाहिए। ध्यान दें कि यह केवल एक विज्ञान है और इसका उचित और सटीक अनुमान पूरी तरह से निश्चित नहीं किया जा सकता है।

इसलिए, यदि आप किसी भी व्यक्ति के हाथ में रेखाएं पढ़ना चाहते हैं, तो मैं आपको सलाह दूंगा कि आप एक प्राकृतिक और प्रशिक्षित पामिस्ट्रीकर्ता का सहारा लें l इसको मानना या ना मानना ये आपके ऊपर निर्भर करता है l 

       हाथ तो सभी के एक जैसे होते है लेकिन इनमे बैठी लकीरों का कमाल देखिये :-ये मुख्य निम्न प्रकार कि होती है

1-मस्तिष्क रेखा,2- हृदय ररेखा,3-जीवन रेखा,4-भाग्य रेखा,5-विवाह रेखा,6-संतान रेखा,7-व्यापार रेखा,8-सूर्य रेखा,9-मंगल रेखा,10-आय कि रेखा,11-यात्रा रेखा,12-मणि बंध रेखा,13-शत्रु रेखा.

सभी रेखाओं को हम विस्तार से देखेंगे -पहली है मस्तिष्क रेखा :-ये वो रेखा होती है जो मंगल और बृहस्पति पर्वतों के बिच से होकर गुजरती है. ये रेखा जितनी लम्बी और ज्यादा जुकी होती है उतनी हि श्रेष्ठ मणि जाती है अर्थात मंगल और वुरु पर्वत के बिच से निकलकर आगे जाकर कलाई कि तरफ मूड जाती है और ज्यादा जुकाव लेती है तो वाह व्यक्ति ज्यादा जिम्मेदार मना जाता है तथा ज्यादा कालात्मक, बहुत बडा लेखक, कवि हो सकता है.
          2- दूसरी रेखा जीवन रेखा होती है ये भी मंगल और गुरु पर्वत के बिच से होकर निकलती है और कलाई कि तरफ मूड जाती है अगर ये बिच में कहीं कटी है तो जीवन में संघर्ष का हि साम्राज्य रहता है.
         3-हृदय रेखा :- ये रेखा व्यक्ति के व्यावहारिक जीवन को दर्शाती है अर्थात व्यक्ति का जीवन कितना व्यवहार कुशल होना चाहिए ये बताती है.
           4:-भाग्य रेखा :-ये रेखा शनि पर्वत से निकलती है और रशू क्षेत्र को कटती हुई हथेली कि तरफ निकलती है बहुत सारे व्यक्तियों के हाथों में ये रेखा नजर भी नहीं आती है बो वक्ती निराशना हो उनका भाग्य भी प्रबल हि होता है.
            5-विवाह रेखा :- ये रेखा अनामिका ऊँगली और हृदय रेझा के बिच में मिलेगी जो एक या दो और कहीं कहीं तीन भी मिल जाती है ये प्रेम कि रेखा कहलाती है यानि आपके प्रेम प्रसंगो को बतलाती है.
             6-संतान -रेखा :-ये रेखा व्यक्ति के संतनों के बारे में बतालाती है कनिष्ठा उंगली निचे आड़ी रेखाओं में नजर आती है छोटी रेखाएं लड़कियों कि और बड़ी रेखाएं लड़को के लिए मणि जाती है.
              7-व्यापार -रेखा :- ये रेखा वो रेखा होती है जो जीवन रेखा से निकल कर बुद्ध पर्वत कि तरफ जाती है वो व्यापार, व्यवसाय रेखा कहलाई है जितना बुद्ध पर्वत को पर करती है उतना व्यापार मजबूत होता है.
              8-सूर्य -रेखा :-ये रेखा अनामिका ऊँगली के निचे देखने को मिलती है ये खड़ी रेखा होती जितनी खड़ी और गहरी होगी उतना हि प्रसिद्धि दिलाने वाली होती है.
               9-मंगल -रेखा :- ये रेखा एजल लाइन और सपोर्टिंग लाइन भी कहलाती है और जीवन रेखा के समानान्तर चलती है अंगूठे कि जड़ में मंगल पर्वत पर बनी होती है ये रेखा हलकी मोती होती है ये लोगों कि सपोर्टिंग बताती है अर्थात कोई परेशानी में होता है तो उनकी मदद करने कोई भी आजाता है इसीलिए इसे सपोर्टिंग लाइन कहा जाता है.
                 10-आय कि रेखा :- उँगलियों कि पोर में खड़ी लाइन को आय रेखा कहा जाता है ये हरेक उंगली में नजर आती है जितनी गहरी और उभरी हुई होती है उतनी आय अच्छी होगी.
                  11-यात्रा -रेखा -ये रेखा चंद्र पर्वत पर देखने को मिलेगी अगर छोटी वोटी रेखाएं निकल कर मस्तिष्क रेखा कि तरफ बढ़ रही रेखाएं है तो यर रेखाएं आपको यात्राएं कराती है और अगर ये रेखाएं जीवन रेखा कि तरफ मूड जाती है तो videsh जाने के प्रबल योग बनते है.
                    12-मणि -बंध रेखा :-ये रेखाएं कलाई पर देखने को मिलती है इसलिए इनको ब्रेसलेट लाइन भी कहा जाता है पहली रेख साफ और स्पष्ट नजर आरही है तो व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा होता है दूसरी बजी साफ है तो समर्थ वान व्यक्ति होते है और अगर तीसरी रेखा भी साफ है तो ऐसे व्यक्ति आगे चलकर आध्यात्मिक हो जाते है.
                      13-शत्रु -रेखा :- उँगलियों के पोरों में अर्थात तीन तीन पोरों में खड़ी लाइन में कुछ आड़ी आजाती है अर्थात काट देती है तो ये शत्रु रेखाएं कहलाती है.
                      तो आज हमने देखा डिजिटल पामिस्ट्री कि कड़ी में हाथ कि मुख्य रेखाओं के नाम और उनके प्रमुख उदाहरनाब आगे डिजिटल पामिस्ट्री में प्रत्येक रेखा का विस्तार से वर्णन देखेंगे. मिलते है veerudadadigital.in में डिजिटल पामिस्ट्री के साथ.
                      आज हम फिर हस्त रेखा विज्ञान को समझेंगे. इस विज्ञान को समजना आजके परिप्रेक्ष्य में बहुत जरुरी है.
हस्त रेखा विज्ञान एक पुराना शास्त्र है जो हथेली की रेखाओं को अध्ययन करके भविष्य की पूर्वानुमान करने का काम करता है। यह कहता है कि हथेली की विभिन्न रेखाएं व्यक्ति के जीवन, स्वास्थ्य, और भविष्य के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती हैं। इसमें मुख्य रूप से हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा, और जीवन रेखा का अध्ययन होता है। यह विज्ञान बहुत रोमांटिक हो सकता है, क्योंकि लोग अपने भविष्य की रहस्यमयी जानकारी जानने के लिए इस पर यकीन करते हैं।हस्त रेखा विज्ञान में रंगीन भविष्यवाणियों के अलावा, यह व्यक्ति के व्यक्तिगतिकरण और स्वयं प्रेम की दिशा में भी सार्थक हो सकता है। हथेली के पत्तियाँ न केवल उनके जीवन कार्यों को प्रेरित कर सकती हैं, बल्कि यह भी संबंधों की रूपरेखा में मदद कर सकती है जिससे व्यक्ति अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकता है। इसका आकर्षक पहलु यह है कि यह व्यक्ति को अपने स्वभाव और दैहिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर सकता है, जिससे उसका जीवन सकारात्मक रूप से बदल सकता है।हस्त रेखा विज्ञान का आद्भूत पहलु यह है कि जब व्यक्ति अपनी हथेली की रेखाओं को देखता है, तो वह अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं की गहराईयों में खो जाता है। इसका अध्ययन करना एक सांत्वना पूर्ण अनुभव हो सकता है जो व्यक्ति को अपने आत्मविकासन और संबंधों की महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है। यह भी एक अद्वितीय तरीके से व्यक्ति को उसकी स्वभाव और दैहिक स्वास्थ्य के साथ संबंधित भावनाओं के साथ मिला सकता है।
हस्त रेखा से भविष्य बनाना कला है जिसमें व्यक्ति अपनी हथेली की रेखाओं को समझकर अपने जीवन के मार्ग को सूचित करने का प्रयास करता है। यह एक सांविदानिक प्रक्रिया है जिसमें स्वतंत्रता से विचार किए जा रहे सुझावों का आनंद लिया जा सकता है, और यह व्यक्ति को अपनी स्वयं की राह में प्रेरित कर सकता है। इस कला में समर्पितता और साहस भी शामिल होते हैं, क्योंकि व्यक्ति को अपने अद्वितीय पथ की पहचान करने के लिए खुद पर विश्वास करना होता है।
हस्त रेखा से भविष्य बनाना एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें हथेली की रेखाएं सिर्फ ज्योतिष नहीं, बल्कि व्यक्ति की आत्मा के संवाद का एक साधन भी हो सकती हैं। इसमें व्यक्ति को अपने आत्मसात की खोज में मदद करने के लिए अपनी भावनाओं, कल्पनाओं, और स्वभाव की गहरी समझ होती है। यह एक सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा सकता है, जहां मानव जीवन को एक अद्वितीय और अद्वितीय अनुभव माना जाता है, और हस्त रेखा से इसे समझना एक आत्मा के साथी का संवाद हो सकता है।मस्तिष्क रेखा हस्त रेखा विज्ञान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह रेखा हथेली पर मस्तिष्क से संबंधित होती है और मानव बुद्धि और मानसिक स्वास्थ्य के संकेत के रूप में विचारी जाती है। मस्तिष्क रेखा की लंबाई, गहराई, और दिशा व्यक्ति के मानसिक तनाव, बुद्धिमत्ता, और विचारशीलता की स्थिति के बारे में संकेत दे सकती हैं। इस रेखा की अच्छी स्थिति व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और स्वास्थ्य को सुझाती है, जबकि अशुभ संकेतों के साथ यह अवस्था कमजोर हो सकती है।                                                                 मस्तिष्क रेखा, या ब्रेन लाइन, हस्त रेखा विज्ञान में एक मजबूत विषय है जो मानसिक जीवन की रहस्यमयी दुनिया को खोल सकता है। यह रेखा मस्तिष्क के संरचना और मानसिक शक्ति के संबंध में विचार करती है, जिससे व्यक्ति के विचार, बुद्धिमत्ता, और अनुभव की गहराईयों को छूने का प्रयास करती है। इसमें जो गहराईयों से जुड़ी जानकारी होती है, वह व्यक्ति को उसके मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के मार्ग के संदर्भ में नए दृष्टिकोण प्रदान कर सकती है।
                मस्तिष्क रेखा का हस्त रेखा विज्ञान में भविष्यवाणी के साथ सीधा सम्बन्ध नहीं होता है। इस विज्ञान का उद्देश्य व्यक्ति के व्यक्तिगत और आत्मिक स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान करना है, जो कि मस्तिष्क रेखा के माध्यम से भी हो सकता है। मस्तिष्क रेखा विचार करते समय, यह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य, बुद्धिमत्ता, और विचारशीलता के स्तर का परिकलन कर सकती है, लेकिन यह किसी विशिष्ट समय या घटना के बारे में निश्चित भविष्यवाणी नहीं करती।

भविष्य को पूर्वानुमान करने के लिए अन्य विज्ञानों और परंपरागत ज्योतिष की तकनीकें होती हैं, जो अलग-अलग सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में बदलती हैं।मस्तिष्क रेखा को हस्त रेखा विज्ञान में महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसे मानव बुद्धि और मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी प्रदान करने का साधन माना जाता है। मस्तिष्क रेखा की गहराईयों का अध्ययन करके, विभिन्न मानसिक गुण, बुद्धिमत्ता, और चिन्हों की व्याख्या की जाती है।

मस्तिष्क रेखा का महत्त्व यहाँ से आता है कि मस्तिष्क हमारे शारीरिक और मानसिक क्रियाओं का केंद्र है और इससे ही हमारी विभिन्न क्षमताएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए, विचारशीलता, बुद्धिमत्ता, और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को जानने के लिए मस्तिष्क रेखा का अध्ययन किया जाता है।

हालांकि, इसे वास्तविक भविष्यवाणी का साधन नहीं माना जाता, लेकिन यह व्यक्ति को उसके मानसिक स्वास्थ्य और विकास के संदर्भ में सूचना प्रदान कर सकता है।मस्तिष्क रेखा व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य और बुद्धिमत्ता के संदर्भ में सुझाव प्रदान करने के लिए एक हिस्सा हो सकती है, लेकिन इसकी व्यापकता सामान्यत: सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं पर आधारित है। यह एक भौतिक रेखा नहीं है जो स्वतंत्रता से भविष्य को पूर्वानुमान कर सकती है, बल्कि यह विचारशीलता, बुद्धिमत्ता, और मानसिक स्वास्थ्य के स्तर पर सामग्री प्रदान कर सकती है।

इसलिए, इस रेखा की व्यापकता अनेक कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि व्यक्ति की विशेष संदर्भ, सांस्कृतिक विश्वविद्यालय, और उसकी धार्मिक या दार्शनिक दृष्टिकोण। इसे एक प्रेरणादायक साधन माना जा सकता है जो व्यक्ति को अपने मानसिक और आत्मिक विकास की दिशा में मदद कर सकता है।मस्तिष्क रेखा की व्यापकता यह होती है कि वह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य, बुद्धिमत्ता, और विचारशीलता के स्तर को सूचित कर सकती है। इस रेखा का अध्ययन व्यक्ति को उसके मानसिक स्वास्थ्य और विकास के संदर्भ में सूचना प्रदान करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह किसी विशिष्ट समय या घटना के बारे में निश्चित भविष्यवाणी नहीं करता है।

इस रेखा के महत्त्व को लेकर सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि इस पर आधारित किसी भी भविष्यवाणी या विश्वास को व्यक्ति को धोखा देने का खतरा हो सकता है। मस्तिष्क रेखा को सावधानीपूर्वक और विवेकपूर्वक स्वीकार करना उचित है और इसे किसी भी व्यक्ति की पूरी और समझदारी से जांच की जानी चाहिए।और अधिक जानेंगे अगली कड़ी में
वीरेन्द्र मोहन वशिष्ठ www.veerudadadigital.in

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